ई-टिकटिंग से टेरर फंडिंग कराने वालों में बनारस का एजेंट भी शामिल, हो रही तलाश
ई-टिकटिंग के जरिये टेरर फंडिंग करने वाले देश के 18 से 20 लीड सेलर में एक नाम बनारस से है। पूर्वोत्तर रेलवे की सीआईबी की टीम के संज्ञान में उसका नाम सामने आते वह परिवार समेत फरार है। उसके घर पर आरपीएफ ने दबिश दी, लेकिन कोई नहीं मिला। उसका लोकेशन बेंगलुरु तो कभी मुंबई मिल रहा है।
बस्ती का हामिद असरफ इस पूरे नेटवर्क का सरगना है। फिलहाल वह फरार है और उसके नेपाल में होने के इनपुट हैं। आरपीएफ के अफसरों के मुताबिक उसी ने एएनएमएस नामक तत्काल टिकटों के लिए साफ्टवेयर इजाद कर इसके जरिये टेरर फंडिंग की शुरुआत साल 2016 में की थी। इसकी पूरे देश में चेन है। उससे सीधे तौर पर देश के 18 से 20 लीड सेलर जुड़े हैं।
वाराणसी से पूरे पूर्वांचल में सिंडिकेट को संचालित करने वाला बाबा नाम से कुख्यात इन लीड सेलरों में से एक माना जा रहा है। करीब 10 साल से वह इस धंधे से जुड़ा है। दो साल पहले एक बार जेल जा चुका है। दोबारा नाम सामने आते फरार हो गया है। पूर्वोत्तर रेलवे के मंडल सुरक्षा आयुक्त ऋषि पांडेय के अनुसार एजेंसियों की मदद से उसकी गिरफ्तारी का प्रयास चल रहा है। आरपीएफ के मुताबिक गोपनीयता के कारण उसका नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है। उसके नीचे सैकड़ों पैनल सेलर हैं, जो लाइसेंसी एजेंटों को उक्त साफ्टवेयर प्रति मिनट टिकट जारी करने के अनुसार बेचते हैं। उसका संपर्क सफोदपोशों से भी है।
छपरा से पकड़े गये दलाल ने भेजे थे गुलाम मुस्तफा को रुपये
वाराणसी मंडल की आरपीएफ ने गत दिनों छपरा के परसा बाजार से इरफान अंसारी नामक दलाल को पकड़ा था। जांच में सामने आया कि वह सीधे तौर पर झारखंड के गुलाम मुस्तफा से जुड़ा है। उसने गुलाम मुस्तफा को रुपये भेजे थे। बता दें कि गुलाम मुस्तफा को ही आरपीएफ ने पकड़ा तो पूरे रैकेट का पर्दाफास हुआ।
सीतामढ़ी से नेपाल के रास्ते खाड़ी देश में जा रही नकदी
सीआईबी के मुताबिक पूरे देश से एजेंटों के जरिये भेजी गई रकम पेटीएम या अन्य एप के जरिये लीड सेलर्स के पास जाती है। पूरे देश से धनराशि सीतामढ़ी जा रही है। वहां से रुपये कैश में बदलने के बाद नेपाल के रास्ते खाड़ी देशों में ले जाया जा रहा है।
मऊ से हुई है तीन की गिरफ्तारी
मऊ से गिरफ्तार रैकेट के निचले पायदान के तीन सदस्यों की गिरफ्तारी आरपीएफ और सीआईबी ने की। घोसी के अमित कुमार गुप्ता, कोपागंज के नंदकुमार गुप्ता और मऊ के अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया गया।